द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) क्या है?
सेकेंडरी सेक्टर की परिभाषा
परिभाषा – द्वितीयक क्षेत्र में, कच्चे माल को विनिर्माण की प्रक्रिया के माध्यम से तैयार माल में बदला जाता है। इस गतिविधि को औद्योगिक गतिविधि भी कहा जाता है। द्वितीयक क्षेत्र को हम माध्यमिक क्षेत्र के नाम से भी जानते है। द्वितीयक क्षेत्र में विद्युत उपकरण निर्माण, खाद्य निर्माण, कपड़ा उत्पादन, हस्तशिल्प और उद्योग शामिल हैं।
उदाहरण के लिए – लौह अयस्क का उपयोग करके विनिर्माण की प्रक्रिया के जरिए हम कार, बसें, रेल बनाते हैं।
प्रमुख बिंदु (key points)
- विकसित देशों में माध्यमिक क्षेत्र मध्यम वर्ग के लिए अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियों का बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है। उदाहरण के लिए – USA में 20% लोग रोजगार के लिए माध्यमिक क्षेत्र पर निर्भर है।
- जिन देशों का द्वितीयक क्षेत्र विकसित होता है, उनका निर्यात अधिक होता है और वे अधिक समृद्ध होते हैं।
- द्वितीयक क्षेत्र आमतौर पर प्राथमिक क्षेत्र से कच्चा माल लेता है और घरेलू व्यवसायों, निर्यात और उपभोक्ताओं के लिए तैयार माल बनाता है।
- द्वितीयक क्षेत्र उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल के लिए प्राथमिक क्षेत्र पर निर्भर करता है।
- विनिर्माण प्रक्रिया के माध्यम से कच्चे माल के तैयार माल में परिवर्तन के माध्यम से जोड़ा गया मूल्य, जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं के तेजी से विकास का आधार है।
- इसमें अधिक पूंजी और श्रम की आवश्यकता होती है।
द्वितीयक क्षेत्र के उदाहरण – गाड़ी, टायर पनीर, हार, फर्नीचर आदि।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1- द्वितीयक गतिविधियां क्या हैं?
द्वितीयक गतिविधियों में विद्युत उपकरण निर्माण, खाद्य निर्माण, हस्तशिल्प, ऑटोमोबाइल उत्पादन, कपड़ा उत्पादन, रासायनिक, और एयरोस्पेस निर्माण शामिल हैं।
प्रश्न 2- द्वितीयक क्षेत्र का दूसरा नाम क्या है?
द्वितीयक क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है।
द्वितीयक क्षेत्र का महत्व
रोजगार – द्वितीयक क्षेत्र प्राथमिक क्षेत्र की तुलना में अधिक उच्च वेतन वाली नौकरियां प्रदान करता है।
आर्थिक विकास – हम देश की आर्थिक वृद्धि को मापने के लिए जीडीपी का उपयोग करते हैं, जीडीपी का अर्थ है देश के भीतर निर्मित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य। इसीलिए किसी भी देश के आर्थिक विकास में द्वितीयक क्षेत्र का बहुत बड़ा महत्व होता है।