What are the Demerits of Democracy in Hindi?

Demerits of Democracy in Hindi

लोकतंत्र के खिलाफ तर्क 

  • सार्वजनिक धन और समय की बर्बादी – निर्णय लेने की धीमी प्रक्रिया के कारण, लोकतांत्रिक देशों में किसी भी परियोजना के निर्माण में लंबा समय लगता है। मुद्रास्फीति के कारण उस परियोजना की लागत भी बढ़ जाती है, इससे समय और सार्वजनिक धन दोनो की बर्बादी होती है।
  • चुनाव में मतदाताओं की संख्या कम होना – लोकतंत्र की परिभाषा में हम पढ़ते हैं, सरकार लोगों से है, लेकिन लोग चुनावों में व्यापक रूप से भाग नहीं लेते हैं। आप दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश को देखें, लगभग हर लोकतांत्रिक देश में केवल 50% से 60% मतदाता ही वोट करते हैं। बाकी लोगों को चुनाव से कोई मतलब ही नहीं है, यातो बाकी लोगों को चुनाव प्रणाली पर भरोसा नहीं है।
  • लोकतंत्र अस्थिरता की ओर ले जाता है – लोकतांत्रिक देशों में हर पांच या चार साल में चुनाव होते हैं और सरकारें भी बदल जाती हैं जिसके कारण दीर्घकालिक नीति अपनाना मुश्किल हो जाता है। 

उदाहरण के लिए – लोकतांत्रिक देशों में, प्रत्येक राजनीतिक दल की विचारधारा अलग होती है, जिसके कारण देश में सरकार बदलने के बाद नीति भी बदल जाती है, इससे देश का आर्थिक विकास भी प्रभावित होता है।

  • आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक देश कमजोर साबित हुए है – इतिहास बताता है कि युद्ध, महामारी और हिंसा जैसी आपात स्थितियों के दौरान लोकतांत्रिक देश बहुत कमजोर दिखाई देते हैं। सत्ता के विकेंद्रीकरण के कारण, लोकतांत्रिक देशों में आपातकाल के दौरान किसी भी बड़े फैसले को जल्दी से लेना आसान नहीं होता है।
  • निर्णय लेने की धीमी प्रक्रिया – लोकतांत्रिक देशों को किसी भी कानून को बनाने या लागू करने में लंबा समय लगता है, पहले विधेयक को संसद में रखा जाता है, फिर उस पर बहस होती है, फिर एक विधेयक संसद से पारित किया जाता है। इससे बहुत समय बर्बाद होता है और समस्या अधिक गंभीर हो जाती है।
  • पक्षपाती मतदाता – ज्यादातर मतदाता यह नहीं जानते कि क्या सही है, क्या गलत है, वे केवल जाति, चेहरे, राजनीतिक दल के प्रचार और धर्म को देखकर वोट देते हैं।
  • कमजोर सरकार समस्या पैदा करती है – कई बार लोकतांत्रिक देशों में गठबंधन सरकार बनती है, और कभी-कभी गठबंधन सरकार आपसी मतभेदों के कारण कोई बड़ा निर्णय लेने में असमर्थ होती है, जो देश की आर्थिक वृद्धि को भी प्रभावित करती है।
  • सत्ता का खेल – सत्ता का लालच कभी-कभी नेताओं को गलत काम करने के लिए मजबूर करता है। राजनीतिक दल कभी-कभी नैतिकता को भूल जाते हैं।

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