महाभारत में विदुर कौन थे?
विदुर महाभारत के केंद्रीय पात्रों में से एक हैं. वह कुरु साम्राज्य के प्रधानमंत्री और पांडवों और कौरवों दोनों के चाचा थे. विदुर का जन्म अम्बिका की प्रधान दासी के गर्भ से हुआ था।
महात्मा विदुर का जीवन परिचय
नाम | विदुर |
पिता का नाम | वेदव्यास |
माता का नाम | परिश्रमी |
सौतेले भाई | धृतराष्ट्र {अम्बिका से} पांडु {अम्बालिका से} |
पत्नी | सुलभा {Sulabha} |
पुत्र | अनासव और अनुकेतु |
बेटी | अम्बावती |
महात्मा विदुर ऋषि वेदव्यास और दासी परिश्रमी के पुत्र थे. विदुर पांडवों के सलाहकार थे और उन्होंने दुर्योधन द्वारा रची गई साजिश से कई मौके पर पांडवों को बचाया था. विदुर ने कौरवों के दरबार में द्रौपदी के अपमान का भी विरोध किया था।
विदुर के जन्म की कहानी
हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र थे. शान्तनु की मौत चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गई थी, इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया. फिर भीष्म ने चित्रांगद के बड़े होने पर उन्हें राजगद्दी पर बिठा दिया लेकिन कुछ समय बाद गन्धर्वों से युद्ध करते हुये चित्रांगद मारा गया. उसके बाद उनका भाई विचित्रवीर्य राज्य बना।
भीष्म ने विचित्रवीर्य का विवाह काशीराज की दो कन्याओं, अम्बिका और अम्बालिका के साथ करवा दिया. परन्तु विवाह के बाद उनकी भी मृत्यु हो गयी. दोनों भाइयों की मृत्यु के बाद रानी सत्यवती ने भीष्म से अम्बिका और अम्बालिका के साथ विवाह करने को कहा ताकि उनका वंश आगे बढ़ सके. लेकिन भीष्म ने विवाह करने से मना कर दिया।
पुत्र प्रति के लिए रानी सत्यवती ने अपने पुत्र व्यास ऋषि की सहायता मांगी. फिर रानी सत्यवती ने अंबिका को वेद व्यास जी के पास भेजा, व्यास ऋषि की कुरूपता देखकर अंबिका ने अपनी आँखें बंद कर लीं. जिससे धृतराष्ट्र उनके गर्भ से अंधे पैदा हुए।
उसके बाद जब अंबालिका व्यास ऋषि के पास गई तो व्यास ऋषि को देखकर उनका रंग उड़ गया और उनका शरीर पीला पड़ गया. जिससे उनके पुत्र पांडु का रंग पीला पड़ गया।
रानी सत्यवती एक स्वस्थ पुत्र चाहती थी, जो राज्य को संभाल सके. इसलिए उन्होंने अंबिका को फिर से वेदव्यास जी के पास जाने के लिए कहा, लेकिन अंबिका ने खुद जाने के बजाय अपनी दासी परिश्रमी को भेज दिया, जिससे विदुर का जन्म हुआ।
इस तरह विदुर धृतराष्ट्र और पांडु के भाई थे. विदुर का विवाह सुलभा नाम की कन्या के साथ हुआ था।
विदुर नीति {Vidura Niti}
महाभारत में उद्योग पर्व के अध्याय 33 से 40 में, विदुर उन चीजों की रूपरेखा तैयार करते हैं जो बुद्धिमान लोगों और नेताओं को करनी चाहिए, और जिन चीजों को उन्हें नहीं करना चाहिए. सामूहिक रूप से इन्हें विदुर नीति के नाम से जाना जाता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
विदुर के माता-पिता कौन थे?
महात्मा विदुर ऋषि वेदव्यास और दासी परिश्रमी के पुत्र थे।
विदुर की पत्नी का क्या नाम था?
सुलभा {Sulabha}
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