लिखित भाषा किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, विशेषताएं और महत्व

लिखित भाषा किसे कहते हैं? लिखित भाषा की परिभाषा, उदाहरण, विशेषताएं और महत्व 

लिखित भाषा की परिभाषा:

“जब कोई व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को लिखकर व्यक्त करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है. भाषा के इस रूप को ही लिखित भाषा कहते हैं।”

सरल शब्दों में जब हम अपने विचारों और भावनाओं को लिखित रूप में व्यक्त करते हैं तो उसे लिखित भाषा कहते हैं. हमारे द्वारा लिखा गया लेख जो आप अभी पढ़ रहे हैं वह भी लिखित भाषा का एक उदाहरण है। 

लिखित भाषा किताबों, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और यहां तक कि इंटरनेट पर भी पाई जा सकती है. इसमें सभी प्रकार के लिखित संचार जैसे पत्र, ईमेल, ब्लॉग, लेख और बहुत कुछ शामिल हैं. लिखित भाषा मानव सभ्यता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। 

लिखित भाषा के उदाहरण – पत्र, समाचार-पत्र, पुस्तक, ईमेल, ब्लॉग आदि।  

लिखित भाषा की विशेषताएं 

यह भाषा का स्थायी रूप है। 

लिखित भाषा संचार का एक रूप है जो विचारों और सूचनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों, जैसे अक्षरों, संख्याओं और विराम चिह्नों का उपयोग करती है।

लिखित भाषा हमें शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बिना दूसरों के साथ अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने में सक्षम बनाती है।  

लिखित भाषा को एक बार लिखा जाता है और इसे बार-बार पढ़ा जा सकता है। 

शिक्षित व्यक्ति ही लिखित भाषा का प्रयोग कर सकते हैं।

लिखित भाषा के प्रयोग से कोई भी व्यक्ति अपने भावों और विचारों को वर्षों तक सुरक्षित रख सकता है।

लिखित भाषा का उपयोग वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य में भी उपयोगी साबित हो सकता है।

लिखित भाषा का क्या महत्व है?

लिखित भाषा का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. लिखित भाषा हर एक व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह डिजिटल उपयोग में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा लेख लिखित भाषा किसे कहते हैं? लिखित भाषा की परिभाषा, उदाहरण, विशेषताएं और महत्व पसंद आया होगा. यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।