लेख के बारे में – इस लेख में हम कलिंग युद्ध का इतिहास (History of Kalinga War in Hindi), कलिंग युद्ध के प्रभाव, कलिंग युद्ध के कारणों और परिणामों के बारे में चर्चा करेंगे जो सम्राट अशोक के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
कलिंग युद्ध की पूरी जानकारी। (Kalinga War story in Hindi)
संसार के सभी युद्धों का परिणाम विजय और हिंसा का महिमामंडन नहीं होता है। एक ऐसा युद्ध जो सम्राट अशोक द्वारा लड़ा गया था, जिसके परिणाम स्वरूप कुछ और ही हुआ। प्रसिद्ध कलिंग युद्ध को पूरे भारतीय इतिहास में सबसे बड़ी, सबसे घातक और विनाशकारी लड़ाई में से एक माना जाता है और यह दुनिया की सबसे खूनी लड़ाई में से एक है, जिसमें लगभग 250,000 लोगों की जान गई थी।
कलिंग युद्ध 261 ईसा पूर्व में महान मौर्य साम्राज्य और कलिंग राज्य के बीच लड़ा गया था, जो वर्तमान में ओडिशा और आंध्र प्रदेश का उत्तरी भाग है। जिसके परिणामस्वरूप अशोक ने कलिंग के राजा महा पद्मनाभन को हराकर कलिंग पर विजय प्राप्त की। इस युद्ध में हुए रक्तपात को देखकर अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और वह अहिंसा के मार्ग पर चल पड़े।
कलिंग युद्ध
युद्ध का नाम | कलिंग युद्ध |
युद्ध के बीच लड़ा गया | कलिंग और मौर्य साम्राज्य |
नेता | अशोक, महा पद्मनाभन |
स्थान | कलिंग, भारत (अब ओडिशा में) |
वर्ष | 261 ई.पू |
विजय | मौर्य साम्राज्य |
संख्या | 150,000 पैदल सेना, 10,000 घुड़सवार सेना और हजारों युद्ध हाथी |
कलिंग युद्ध की पृष्ठभूमि (Background of the Kalinga War)
कलिंग प्रतिभाशाली कलाकारों और शांतिपूर्ण लोगों के साथ एक समृद्ध राष्ट्र था। कलिंग 321 ईसा पूर्व तक मगध साम्राज्य का एक हिस्सा था, इस पर नंद साम्राज्य का शासन था, जब चंद्रगुप्त मौर्य ने नंदों को हरा दिया, तब कलिंग एक स्वतंत्र राज्य बन गया।
कलिंग के पास व्यापार के लिए महत्वपूर्ण बंदरगाह और एक मजबूत नौसेना थी, जिसके कारण उसने अपनी तटरेखा को नियंत्रित कर रखा था। जिससे कलिंग शेष विश्व के साथ व्यापार करने में सक्षम था।
कलिंग बहुत शक्तिशाली था। मौर्य साम्राज्य कलिंग को एक खतरे के रूप में देखता है क्योंकि वे मध्य भारतीय प्रायद्वीप पर आक्रमण कर, मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र के बीच संचार बाधित कर सकते हैं। इसलिए अशोक कलिंग को जीतना चाहते थे।
कलिंग युद्ध के कारण (Causes of Kalinga War in Hindi)

- कलिंग युद्ध के कारणों के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग विचार हैं।
- जावा, मलय और सीलोन के साथ अपने व्यापारिक संबंधों के कारण कलिंग के पास भारी भौतिक समृद्धि थी। कलिंग की विशाल सैन्य शक्ति और समृद्धि के कारण अशोक कलिंग को मौर्य साम्राज्य का हिस्सा बनाना चाहते थे वो मौर्य साम्राज्य के लिए कलिंग का महत्व जानते थे।
- अशोक अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे और एक महान विजेता बनने के लिए अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे।
- हम पहले ही उल्लेख कर चुके हैं कि मौर्य साम्राज्य कलिंग को एक खतरे के रूप में देखता था।
- चंद्रगुप्त मौर्य और बिंदुसार ने कलिंग को जीतने की कोशिश की लेकिन असफल रहे, एक यह भी कारण रहा कि अशोक कलिंग जितना चाहते थे।
- अशोक की विस्तारवादी नीति अवश्य ही कलिंग युद्ध का कारण रही होगी।
- अपने शासन के 12वें वर्ष में अशोक ने कलिंग के शासक को अपना साम्राज्य मौर्यों में मिलाने का संदेश भेजा, लेकिन कलिंग के शासक ने मौर्य साम्राज्य के आगे झुकने से इनकार कर दिया। जिसके कारण 261 ई.पू. कलिंग और मौर्य साम्राज्य के बीच एक विशाल युद्ध हुआ।
सैन्य बलों की ताकत (Strength of Forces)
मौर्य साम्राज्य की सेना में लगभग एक लाख सेना शामिल थी जिसमें 1700 घोड़े, हजारों युद्ध हाथी और 60 हजार से अधिक सैनिक शामिल थे। दूसरी ओर कलिंग की सैन्य शक्ति केवल 60,000 पैदल सेना, 1,000 घुड़सवार सेना और 700 युद्ध हाथी थे। यह संख्या स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि अशोक की सेना कलिंग सेना से अधिक शक्तिशाली थी।
लड़ाई (Battle)
261 ईसा पूर्व में, कलिंग के राजा ने मौर्य साम्राज्य के सामने झुकने से इनकार कर दिया, जिसके बाद अशोक ने कलिंग के खिलाफ एक विशाल सेना का नेतृत्व किया। इससे कलिंग और मौर्य साम्राज्य के बीच एक विशाल युद्ध हुआ।
ऐसा माना जाता है कि यह युद्ध धौली की धौली पहाड़ियों पर लड़ा गया था जो दया नदी के तट पर स्थित है।
कलिंग के लोगों ने मौर्य सेना का डटकर मुकाबला किया। देखते-ही-देखते एक शांतिपूर्ण राज्य, कलिंग युद्ध के मैदान में बदल गया। कलिंग के शासक कलिंगराज ने मौर्य साम्राज्य को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी, कलिंग की सेना जीत के करीब थी, लेकिन मौर्य साम्राज्य की विशाल सेना ने कलिंग की सेना को नष्ट कर दिया।
कलिंग युद्ध का परिणाम
- इस विशाल युद्ध का परिणाम स्पष्ट था, मौर्य साम्राज्य ने कलिंग पर विजय प्राप्त की। कलिंग युद्ध के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ।
- इस लड़ाई में लगभग 1,00,000 सैनिक और नागरिक मारे गए और कलिंग के 1,50,000 सैनिक और नागरिक बंदी बना लिए गए, जिन्हें बाद में मौत के घाट उतार दिया गया।
- कलिंग पर विजय के बाद इसे मौर्य साम्राज्य का पांचवां प्रांत बनाया गया।
- कलिंग युद्ध के बाद साम्राज्य में शांति और अहिंसा की एक नई नीति अपनाई गई।
- यह अशोक की पहली और आखिरी लड़ाई थी, युद्ध के बाद अशोक ने अपनी तलवार छोड़ दी और बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया।
सम्राट अशोक और बौद्ध धर्म (कलिंग युद्ध के बाद अशोक सम्राट में बदलाव)
- अशोक ने युद्ध के मैदान में घोड़ों, हाथियों और सैनिकों की लाशें देखीं। जगह-जगह खून बिखरा हुआ था, अनाथ बच्चे रो रहे थे, घायल लोग दर्द के मारे जमीन पर लुढ़क रहे थे, उनकी आंखों के सामने सारा कलिंग नष्ट हो गया था। इतना रक्तपात देखकर अशोक का हृदय शोक से भर गया, अशोक ने महसूस किया कि वह इस युद्ध के कारण हुए विनाश के लिए पूरी तरह जिम्मेदार था।
- अशोक पछतावे से भरा था इसलिए उसने अब और युद्ध न करने और बौद्ध धर्म अपनाने का निश्चय किया। अशोक ने विस्तारवादी नीति को त्याग दिया। उन्होंने ज्ञान और अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया।
- अशोक ने बौद्ध धर्म और धम्म का प्रचार करने के लिए अन्य देशों में मिशनरियों को भेजा, ताकि अधिक से अधिक लोग अहिंसक जीवन शैली अपना सकें। इस तरह के शिलालेख अभी भी भारत और बाहरी देशों में मौजूद हैं। उसके बाद 40 वर्षों तक, अशोक महान ने शांति, सद्भाव, मानवता, प्रेम, अहिंसा और समृद्धि के माध्यम से मौर्य साम्राज्य का नेतृत्व किया।
लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न
कलिंग युद्ध कब हुआ था?
कलिंग युद्ध 261 ई.पू लड़ा गया था।
कलिंग वर्तमान में कौन राज्य में स्थित है?
ओडिशा
कलिंग युद्ध के बाद अशोक में क्या बदलाव आया और क्यों?
कलिंग युद्ध में हुए रक्तपात को देखकर अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया। वह ज्ञान और अहिंसा के मार्ग पर चल पड़े, उन्होंने अपनी विस्तारवादी नीति को त्याग दिया।
कलिंग युद्ध का वर्णन अशोक के किस शिलालेख में है?
तेरहवां शिलालेख में :-
13 वें शिलालेख में कलिंग युद्ध और सम्राट अशोक के ह्रदय परिवर्तन का वर्णन किया गया है।
कलिंग युद्ध के समय कलिंग का राजा कौन था।
महा पद्मनाभन
कलिंग युद्ध किसके बीच हुआ था?
कलिंग युद्ध मौर्य साम्राज्य और कलिंग के बीच हुआ था।
कलिंग का वर्तमान नाम क्या है?
ओडिशा
कलिंग युद्ध के कारण क्या थे?
1- कलिंग की समृद्धि
2- अशोक की विस्तारवादी नीति
3- मौर्य साम्राज्य कलिंग को एक खतरे के रूप में देखता था
4- उनके पिता और दादा ने कलिंग को कब्जाने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे, अशोक उनके रास्ते पर चल रहा थे।
कलिंग युद्ध के पश्चात अशोक ने कौन सा धर्म अपना लिया?
बौद्ध धर्म
कलिंग की राजकुमारी का क्या नाम था?
कलिंग की राजकुमारी का नाम पद्मा था।
कलिंग के युद्ध ने अशोक के जीवन मे क्या बदलाव किए?
कलिंग के युद्ध के पश्चात अशोक ने अहिंसा का मार्ग अपना लिया।
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