उदारीकरण और निजीकरण में अंतर
उदारीकरण – सरल शब्दों में, उदारीकरण का अर्थ है, कठोर नियमों को ढीला करना है ताकि देश आर्थिक विकास की ओर बढ़ सके।
उदारीकरण के दौरान उठाए जाने वाले कदम –
1- कई क्षेत्रों में सरकारी कंपनियों के एकाधिकार को खत्म करना।
2- निजी क्षेत्र पर लगे अनावश्यक प्रतिबन्दों को हटाना।
3- आरक्षित क्षेत्रों की संख्या कम करना।
4- उत्पादन के लिए लाइसेंस प्रणाली को खत्म करना।
5- कर की दरों में कटौती करके निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना।
6- बहुत अधिक कागजी कार्रवाई को खत्म करना।
7- बैंकों को ब्याज दरों को निर्धारित करने की छूट देने।
8- वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करना।
निजीकरण – सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के प्रबंधन को निजी क्षेत्र को देना।
निजीकरण के दौरान उठाए जाने वाले कदम –
1- घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचना।
2- सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी को 50% से कम कर देना ताकि प्रबंधन निजी क्षेत्र के पास चला जाए।